श्री राजेन्द्र सूरी नोपाजी लखमाजी नेत्र चिकित्सालय
मानव सेवा के उद्देश्य से श्री मोहनखेड़ा तीर्थ ट्रस्ट एवं उसके सहयोगी संगठनों द्वारा विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जाता रहा है | राजगढ़ स्थित श्री गुरु राजेन्द्र मानव सेवा चिकित्सालय समय समय पर विभिन्न
बीमारियों विशेषतः नेत्र रोगों के निवारणार्थ शिविरों का आयोजन करने में अग्रिणी है | इसी तारतम्य में नेत्र रोगों की चिकित्सा हेतु एक स्थायी व्यवस्था करने के उद्देश्य से श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में प.पू. आचार्य श्रीमद विजय
विद्याचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. की इच्छानुसार एक नेत्र चिकित्सालय निर्माण का संकल्प लिया गया |
इस संकल्प को मूर्त रूप देने के प्रथम कदम के रूप में १८ नवम्बर १९७५ को प.पू. आचंर्य देव श्रीमद विजय विद्याचन्द्र सुरिश्वरजी म.सा. की निश्रा में म.प्र. के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री पी.सी. सेठी सेठी द्वारा भूमिपूजन संपन्न हुआ |
मगर वे अपने जीवन काल में इसे पूर्ण होता नहीं देख सके | उनकी इस इच्छा को पूर्ण करने का दायित्व उनके पट्टालंकार वर्तमानाचार्य श्री हेमेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. ने निर्वाह इस दिशा में सतत प्रयत्नशील रह कर किया | सुश्रावक
श्री नोपाजी लखमाजी के मुख्य सहयोग से चिकित्सालय भवन बनकर पूर्ण हुआ | इसका लोकार्पण संवत २०५९ की गुरु सप्तमी दि. २१ जनवरी २००२ को म.प्र. शासन की उपमुख्यमंत्री श्रीमती जमुनादेवी की अध्यक्षता में मंत्री श्री
नरेन्द्रजी नाहटा ने किया | लगभग दो एकड़ भूमि पर फेले इस विशाल चिकित्सालय का दो मंजिला भवन निर्मित है | चिकित्सालय में आधुनिक उपकरणों से युक्त दो आपरेशन थिएटर है | फीको मशीन के उपयोग से बिना चीरा
लगाये आँखों के आपरेशन किये जाते है | चिकित्सा हेतु योग्य चिकित्सक एवं अन्य कर्मचारी कार्यरत है | ३० बिस्तरों की क्षमता वाले इस चिकित्सालय में ४ जनरल व १० प्राइवेट वार्ड है | चिकित्सालय के सामने फेला विशाल बगीचा
व लान न केवल चिकित्सा हेतु आने वाले मरीजो वरन तीर्थ भूमि पर आने वाले यात्रियों को भी प्रसन्नता व शांति प्रदान करता है |