आचार्य देव श्रीमद्विजय हेमेंद्र सूरीश्वर जी म.सा. - जीवन परिचय
वि. सं. 1975 के माघ वदी 6 को जालोर जिले के बागरा ग्राम में श्री ज्ञान चंद जी पोरवाल की धर्मपरायणा पत्नी सुश्राविका उज्जम बाई ने बालक पूनम चंद को जन्म दिया |
वि.सं. 1999 आषाढ़ सुदी 2 को भीनमाल में थराद के महान उपकारी मुनिराज श्री हर्षविजय जी म. सा. के कर कमलों से भागवती दीक्षा ग्रहण कर मुनिराज श्री हेमेंद्र विजयजी म.सा. बने |
आचार्य देव श्रीमद्विजय यतीन्द्र सूरीश्वर जी म.सा. ने उप स्थापना योगोद्वहन करवाकर वि.सं. 2001 माघ सुदी 6 को आहोर (राज.) में वृहद् दीक्षा प्रदान की |
पंचम पट्टधर आचार्य देव श्रीमद्विजय विद्याचंद्रसूरीश्वर म.सा. के स्वर्गावास के पश्चात् चतुर्विध संघ की साक्षी में त्रि स्तुतिक गच्छ की राजधानी आहोर (राज.) वि.सं. 2040 की माघ सुदी 9 को आचार्य पद से अलंकृत हुए |
भारत के उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण अडवाणी द्वारा , भारत महामंडल के तत्वाधान में मुंबई के आजाद मैदान में ' राष्ट्र संत शिरोमणी ' पद प्रदान किया गया |
नवकार का जप , आयम्बिल का तप , संयम का खप इस त्रिपदी को अपना जीवन मंत्र बनाया | प्रतिदिन नवकार मंत्र की 40 माला नित्य गिनना व आयम्बिल आपका प्रिय तप था | वर्धमान तप ओली के आप आराधक रहे |
मुनिराज श्री प्रितेश चंद्र विजय जी , मुनिराज श्री चंद्रयशविजय जी म.सा. , मुनिराज श्री प्रितियशविजय जी म.सा. आदि 3 शिष्य हैं |
श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के वर्तमान स्वरूप के आप प्रेरक है | आपके नेतृत्व में गुरु पुण्यभूमि को अत्यधिक प्रख्याति मिली |
श्री पार्श्वनाथ राजेंद्र धाम नाकोड़ा आदि अनेक नवोदित तीर्थ आपकी शुभ प्रेरणा से स्थापित हुए |
श्री राजेंद्र भवन , श्री राजेंद्र विहार पालीताणा ,श्री राजेंद्र विद्या भवन शंखेश्वर के आप मार्गदर्शक रहे |
अनेक प्रतिष्ठांजनशलाका , दीक्षा , उपधान तप , नव्वाणु यात्रा , सामूहिक चौमासी , छःरिपालित संघ आपकी निर्मल निश्रा में साकार बने हैं |
म.प्र. , गुजरात , राजस्थान , महाराष्ट्र , कर्नाटक , तमिलनाडु , आंध्रप्रदेश आदि प्रांतो में आपका विचरण रहा |
वि.सं. 2067 भाद्रपद वदी 5 को श्री सिद्ध गिरिराज की शीतल छाया में श्री राजेंद्र भवन पालीताणा में आपका स्वर्गवास हुआ |
भाद्रपद वदी 6 को श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में आपका अग्निसंस्कार हुआ | आप गुरुगच्छ के चतुर्थ आचार्य थे जिनका अग्नि संस्कार श्री मोहनखेड़ा की पुण्यभूमि पर हुआ | आपका समाधि मंदिर निर्माणाधीन है |