श्री राजेंद्र सूरी कुंदन गौशाला
अहिंसा व प्राणी मात्र के प्रति करुणा भाव जैन धर्म का मूल है | इसी भावना के अनुरूप श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में सन १९७२ से गोशाला प्रारंभ की गई | प्रारंभिक वर्षो में यह मंदिर के प्रष्ठ भाग में स्थित थी व इसका आकार छोटा था |
फिर इसे बृहत स्वरूप देने हेतु कुंदन ग्रुप , मुंबई के सोजन्य से नयी गोशाला स्थापित कर इसका नामकरण श्री राजेन्द्र सूरी कुंदन गोशाला किया गया | वर्तमान में यह गोशाला लगभग ५ एकड़ भूमि में विस्तारित है | इस नविन
गोशाला का शिलान्यास मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री सुन्दरलालजी पटवा ने एक भव्य कार्यक्रम स्वरूप दि. १६-४-१९९२ को किया | निर्माण पूर्ण हो जाने पर इसका उदघाटन हुआ |
इस गोशाला के सुन्दर व विशाल प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही सामने एक विशाल दो मंजिला प्रशासनिक भवन है | इसके एक और श्री मन्नालालजी रूपचन्दजी रामाणी चेरिटेबल ट्रस्ट के सोजन्य से निर्मित पशु चिकित्सालय व
लेबोटरी है | जिसका लोकार्पण गुरु सप्तमी १० जनवरी २००३ को किया गया | दूसरी और बगीचा है | गोवंशी पशुओ के रहने के लिए ९००० वर्ग फिट आकार के सर्वसुविधा युक्त ४ गोसदन दानदाताओ के सहयोग से बनाये गए है
तथा चार और गोसदन प्रस्तावित है | पक्षियों को आश्रय व दानापानी देने हेतु ३५ फिट ऊँचा पक्षी विहार भी इस गोशाला का एक अंग है | पशुओ के उपयोग से लिए घास आदि के संग्रह हेतु १० हजार वर्ग फिट का विशाल घास
गोदाम भी बनाया गया है | एक काउबाथ का निर्माण भी प्रस्तावित है | मुख्या द्वार पर बनी प्याऊ आने जाने वाले राहगीरों की प्यास बुझाती है |